धुप चढ़ी है आज सुबह से, और भू है ज्वर सा तपता,
इस पथरीले पथ पर, हूँ बस एक ही स्वर मैं जपता ___
मेरे पास म,
म पे आ की मात्रा,
और उसपे अँ की बिंदी है।
कठिन बड़ी है राह प्रणव ,पर कीर्तिवान मस्तक था___
हाँ।
मेरे पास म,
म पे आ की मात्रा,
और उसपे अँ की बिंदी है।
अक्षर तेरे, स्वर भी तेरे, तेरा ही गुडगान,
पितृपक्ष का नाम भले,पर हूँ तेरा ही इंसान,
था तेरा, मैं हूँ तेरा___
यह कभी नहीं कहते थकता ___
हाँ।
मेरे पास म,
म पे आ की मात्रा,
और उसपे अँ की बिंदी है।
इस पथरीले पथ पर, हूँ बस एक ही स्वर मैं जपता ___
मेरे पास म,
म पे आ की मात्रा,
और उसपे अँ की बिंदी है।
कठिन बड़ी है राह प्रणव ,पर कीर्तिवान मस्तक था___
हाँ।
मेरे पास म,
म पे आ की मात्रा,
और उसपे अँ की बिंदी है।
अक्षर तेरे, स्वर भी तेरे, तेरा ही गुडगान,
पितृपक्ष का नाम भले,पर हूँ तेरा ही इंसान,
था तेरा, मैं हूँ तेरा___
यह कभी नहीं कहते थकता ___
हाँ।
मेरे पास म,
म पे आ की मात्रा,
और उसपे अँ की बिंदी है।
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