प्रणव 'मिस्रा'
Saturday, October 26, 2013
Ramp
जब कभी भी आना ऐ मौत,
मुझे बता कर आना,
ख़त्म होने से पहले, एक बार,
साथ घूमने चलेंगे।
उस रास्ते पर,
जिसके एक छोर पर सब छिपते हैं,
और दुसरे पर,
कुछ छिपता नहीं।
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